बुझा दो इन चरागों को, हमको उजालों से अब डर लगता है,
मुझकों मेरा दिल महज़ इक, ग़म का मुक़म्मल घर लगता है !
Bujhaa do in charagon ko, humko ujalon se ab dar lagta hai,
Mujhkon mera dil mahaz ik, gum ka mukammal ghar lagta hai !
- चिराग़ - दीपक, दिया, मोमबत्ती, लैम्प, लालटेन, चिमनी, बल्ब
- महज़ - केवल, सिर्फ़, मात्र, निरा
- ग़म - गहरा दुःख, रंज, शोक, मातम, मुसीबत, परेशानी, कष्ट, क्लेश
- मुक़म्मल - सम्पूर्ण, समस्त, सारा, सब, समाप्त, आख़िरी
- Article By. Dharm_Singh
0 टिप्पणियाँ