Advertisement

jakhmi dil shayari...

jakhmi_dil_shayari


बुझादो इन चरागों को उजालों से अब हमको डर लगता है,
मुझको मेरा दिल महज़ इक ग़म का मुक़म्मल घर लगता है !

Bujhaado in charagon ko ujaalon se ab humko dar lagta hai,
Mujhkon mera dil mahaz ik gum ka mukammal ghar lagta hai !



  • चिराग़ - दीपक, दिया, मोमबत्ती, लैम्प, लालटेन, चिमनी, बल्ब
  • महज़ - केवल, सिर्फ़, मात्र, निरा
  • ग़म - गहरा दुःख, रंज, शोक, मातम, मुसीबत, परेशानी, कष्ट, क्लेश
  • मुक़म्मल - सम्पूर्ण, समस्त, सारा, सब, समाप्त, आख़िरी

  • Article By. Dharm_Singh

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ