अब क्या ही ज़िक्र करूँ, उस बेवफ़ा की बेवफ़ाई का,
दिल भर गया मोहब्बत से मेरी, बस उस हरजाई का !
Ab kya hi ziqr karun, us bewafa ki bewafai ka,
Dil bhar gaya mohabbat se meri, bas us harjai ka !
- ज़िक्र - चर्चा, वर्णन, संक्षिप्त कथन, बयान, उल्लेख
- हरजाई - कुलटा, वेश्या,रंडी, आवारा, व्याभिचारिणी स्त्री
- Article By. Dharm_Singh
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