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Deep shayari on life...

Deep_shayari_on_life


न जाने कब वो सहर आएगी,
जब साँसें हमारी ठहर जाएगी !

Na jane kab woh sahar aayegi,
Jab sansen humari thahar jayegi !



  • सहर - सुबहा, सवेरा, प्रात:काल, भोर, प्रभात
  • ठहर जाना - रुक जाना, बंद हो जाना, एक ही जगह पर स्थिर हो जाना

  • Article By. Dharm_Singh

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