रो पड़ा वो दरख़्त भी मेरी दास्ताँ-ए-मोहब्बत सुनकर,
बेवफ़ा ने खाई थी कसमें-वफ़ा जिससे लिपटकर...!!
Ro pada woh darkht bhee meri dastan-e-mohabbat sunkar,
Bewafa ne khaai thee kasamen-wafa jisse lipatkar...!!
- दरख़्त - पेड़, वृक्ष, शजर
- दास्ताँ-ए-मोहब्बत - मोहब्बत की दास्ताँ, प्यार की कहानी
- कसम-ए-वफ़ा - वफ़ा की कसम, वचन पालन, वादा निभाने की सोगन्ध
- Article By. Dharm_Singh
0 टिप्पणियाँ