किसी को यहाँ तो किसी को वहाँ, ना जाने किस-किस को क्या कहाँ नजर आता है,
मुझें फ़क़त मेरी माँ के क़दमों में जन्नत, और आँचल में मुक़म्मल जहाँ नजर आता है !
Kisi ko yahan toh kisi ko vahan, naa jaane kis-kis ko kya kahan najar aata hai,
Mujhen faqat meri maa ke qadmon mein jannat, aur aanchal mein mukammal jahan najar aata hai !
- फ़क़त - सिर्फ़, केवल, बस, बस इतना
- मुक़म्मल - सम्पूर्ण, पूरा, सारा, समाप्त,ख़त्म
- Article By. Dharm_Singh
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