Advertisement

Zindagi ki jung...

Zindagi_ki_jung


इन आँखों में अब ख़्वाब नहीं, अश्क़ों के बहते धारे हैं,
ज़िन्दगी की जंग को दुश्मनों से नहीं, अपनो से हारे हैं !

In aankhon mein ab khwab nahin, ashqon ke bahte dhaare hain,
Zindagi ki jung ko dushmanon se nahin, apno se haare hain !



  •  ख़्वाब - स्वप्न, सपना, नींद, निद्रावस्था
  • अश्क़ - आँसू, अश्रु, नयनवारि
  •  ज़िन्दगी - जीवन, जीवन-काल, आयु, उम्र, प्राण, सजीवता, जीवंतता

  • Article By. Dharm_Singh

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ