ज़िन्दगी की इस कश्मकश भरी क़ैद से, मैं भी इक रोज आज़ाद हो जाऊंगा,
क्यूँ बढ़ाते हो तुम अदावतों का दायरा, मैं तो मोहब्बत से ही बर्बाद हो जाऊंगा !
Zindagi ki is kashmkash bhari qaid se, main bhi ik roj aazaad ho jaunga,
Kyun badhate ho tum adawaton ka dayra, main toh mohbbat se hee barbad ho jaunga !
- कश्मकश - खेंच-तान, आपाधापी, मुसीबत, परेशानी, असमंजस
- क़ैद - बंधन, कारावास, बंदिश, गिरफ्त
- अदावत - शत्रुता, दुश्मनी,वैर, द्वेष
- दायरा - गोल, घेरा, मंडल, वृत, अधिकार या कर्म का क्षेत्र
- Article By. Dharm_Singh
0 टिप्पणियाँ