कोई भी इन्सान शौक़ से शायर नहीं बनता है ज़नाब...,
हर दर्द से गुजरना और ज़िन्दा रहकर मरना भी पड़ता है !
Koi bhi insan shauq se shayar nahin banta hai zanab...,
Har dard se gujarna aur zinda rahkar marna bhi padta hai !
- शौक़ - लालसा, सुख़ भोग, ख़ुशी से, इच्छा से
- दर्द - पीड़ा, व्यथा, कष्ट, परेशानी, तकलीफ, यातना
- Article By. Dharm_Singh
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