बज़्म और महफ़िलों में तो अक्सर शौर ही हुआ करते हैं,
लोग बाहर से कुछ तो अंदर से कुछ और ही हुआ करते हैं !
Bazm aur mahfilon mein toh aksar shaur hi huaa karte hain,
Log bahar se kuch toh andar se kuch aur hi huaa karte hain !
- बज़्म - सभा, गोष्ठी, संगठन
- महफ़िल - जलसा, सभा, संगीत समारोह या नाच-गाना होने का स्थान, आदमियों का मज़मा
- Article By. Dharm_Singh
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