फ़क़त इतना ही ज़िक्र है, तेरा मेरे अफ़साने में,
तमाम उम्र गवा दी, बस इक शख़्स को पाने में !
Faqat itna hi ziqr hai, tera mere afsane mein,
Tamam umra gava di, bas ik shkhs ko pane mein !
- फ़क़त - सिर्फ़, केवल, मात्र, बस इतना ही
- ज़िक्र - चर्चा, बयान, वर्णन, उल्लेख
- अफ़साना - क़िस्सा, कहानी, कथा, उपन्यास, दास्ताँ, लम्बा वृतांत
- गवां - लुटा देना, खो देना, ख़र्च कर देना
- शख़्स - आदमी, व्यक्ति, मनुष्य
- Article By. Dharm_Singh
1 टिप्पणियाँ
भरे बाजार से अक्सर मैं खाली हाथ आया हूँ,
जवाब देंहटाएंकभी ख्वाहिश नहीं होती कभी पैसे नहीं होते।