ना रंज-औ-ग़म करना ना ही कोई मातम और मलाल करना, तुम मेरे जनाज़े पे यारों,
कमबख़्त इस मौत की चाहत और ख़्वाहिश में मैंने, ताउम्र बेइंतिहा आँसू बहाये हैं यारो !
Naa ranj-o-gum karna naa hee koi matam aur malal karna, tum mere janaze pe yaron,
Kambakht is maut ki chahat aur khwahish mein maine, taumr beintiha aansoo bahye hai yaron !
- रंज-औ-ग़म - कष्ट और दुःख
- मातम - मृत्यु शोक, रोना-पीटना, मरने वाले का ग़म
- मलाल - दुःख, पश्चाताप, कष्ट, तकलीफ़, खेद, प्रायश्चित, अफ़सोस, ग्लानी
- चाहत - चाह, इच्छा, अभिलाषा, आकांक्षा, किसी को पाने कि इच्छा
- ख़्वाहिश - कामना, लालसा, तलब, चाहत, चाह, कामवेग, महत्वाकांक्षा
- ताउम्र - उम्रभर, आजीवन, पुरे जीवन, जिन्दगी भर, अंतिम दम तक
- बेइंतिहा - बेहद, बेहिसाब, असीम, अपार, बहुत ज्यादा
- Article By. Dharm_Singh
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