जो अपनी फ़िक्र और ख़ुशियों को छोड़कर, तेरे ग़मों में शामिल हो गया,
तू उसी को ज़माने में तन्हा छोड़कर, उसके रक़ीबों में शामिल हो गया !
Jo apni fikra aur khushiyon ko chhodkar, tere gumon mein shamil ho gayaa,
Too usi ko zamane mein tanha chhodkar, uske raqeebon mein shamil ho gayaa !
- फ़िक्र - चिंता, ध्यान, ख़याल, विचार, सोच-विचार, उलझन, अंदेशा, तदबीर
- ग़म - गहरा दुःख, रंज, शोक, क्षोभ
- तन्हा - अकेला, एकाकी, जिसके साथ कोई न हो
- रक़ीब - प्रतिद्वंद्वी, प्रतिस्पर्थी, प्रेमिका का दूसरा प्रेमी
- Article By. Dharm_Singh
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