लिखूं तो क्या लिखूं आज, आँखें नम है और दिल भी बड़ा उदास है,
जो था इस दिल को अज़ीज़-ओ-ख़ास, वो अब किसी ग़ैर के पास है !
Likhoon toh kya likhoon aaj, aankhen nam hai aur dil bhi bada udas hai,
Jo tha is dil ko aziz-okhaas, voh ab kisi gair ke paas hai !
- नम - गीला, आद्र, तर, भीगा हुआ
- उदास - दुःखी, खिन्न, कांतिहीन, फीका, मुरझाया हुआ
- ख़ास - विशेष, विशिष्ट
- अज़ीज़ - प्रिय, दोस्त, प्यारा, यार, महबूब
- ग़ैर - पराया, दूसरा, अन्य, बेगाना, अपरिचित, अंजान
- Article By. Dharm_Singh
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