शाख़ों से पत्ते भी गिर जायेंगें,
वादों से जब वो मुकर जायेंगें,
देखना मोहब्बत में हम "धर्मसिंह",
कमबख्त़ बे-मौत ही मर जायेंगें !
Shakhon se patte bhee gir jayenge,
Waadon se jab woh mukar jayenge,
Dekhana mohabbat mein hum "dharmsingh",
Kambakht be-maut hee mar jayenge !
- मुक़र जाना - अपने ही वादे से पीछे हटना, अपनी ही बात से मना करना
- उल्फ़त - प्यार, मोहब्बत, प्रेम, चाहत, इश्क़, स्नेह
- बे-मौत - बिना मौत आये ही, बिना मौत के
- Article By. Dharm_Singh
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