ना सेहरा सजा ना मेहन्दी लगी, और ना ही कोई मिलन की रात आई,
दिल में कसक उठकर आँखें भर आई, जब भी बेवफ़ा की बात आई !
Naa sehara sajaa naa mehandi lagi, aur naa hi koi milan ki raat aai,
Dil mein kasak uthkar aankhen bhar aai, jab bhi bewafaa ki baat aai !
- सहरा - सेहरा, विवाह का मुकु, विवाह के समय वर को पहनने के लिए फूलों या सुनहले-रुपहले तारों आदि की बड़ी मालाओं की पंक्ति या पुंज
- मिलन कि रात - सुहाग रात, दाम्पत्य जीवन के शुरुआत की पहली रात, मिलन यामिनी, वर-वधु के समागम कि पहली रात
- कसक - दिल में रुक-रुक कर होने वाली ठीस या पीड़ा
- बेवफ़ा - धोखा देनेवाला, कृतघ्न, विश्वासघाती, जिस में वफ़ा न हो,दगाबाज़, धोखेबाज
- Article By. Dharm_Singh
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