मेरी हार और जीत, किसी के कोई फ़ैसले की मोहताज नहीं,
हम ख़ुद मुँह फेर लेते है वहाँ, जहाँ कोई ऊसूल और लाज नहीं !
Meri haar aur jeet, kisi ke koi faisale ki mohtaaj nahin,
Hum khud muh fer lete hai wahan, jahan koi usool aur laaj nahin !
- मोहताज - जो दुसरो पर निर्भर हो, जो दुसरो के बल पर आश्रित हो
- उसूल - नियम, सिध्दान्त, क़ायदा, कानून
- लाज - लज्जा, शर्म, हया
- Article By. Dharm_Singh
0 टिप्पणियाँ