जितना गहरा दर्द है, उससे भी गहरे मेरे येअल्फ़ाज़ हैं,
ख़ुशियों कि अब चाह नहीं, मुझें तो मेरे दर्द पर ही नाज़ है !
Jitna gahara dard hai, usase bhi gahare mere yeh alfaaz hain,
Khushiyon ki ab chaah nahin, mujhen toh mere dard par hee naaz hai !
- अल्फ़ाज़ - शब्द समूह, शब्दों, काव्य वाक्यांश
- चाह - चाहत, इच्छा, मनोकामना, ख़्वाहिश, लालसा, अभिलाषा, प्यार, मोहब्बत
- नाज़ - गर्व, अभिमान, घमण्ड, मान, गुरुर, फ़ख
- Article By. Dharm_Singh
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