कोई कैसे और कहाँ धीर धरे,
जब अपने ही दिल चीर-चीर करे !
Koi kaise aur kahan dheer dhare,
Jab apne hi dil cheer-cheer kare !
- धीर - धीरज, धैर्य, संतोष, शांत
- दिल चीर-चीर - दिल के टुकड़े-टुकड़े करना, दिल तोड़ना, दिल को ज़ख़्मी करना, दिल दुखाना
- Article By. Dharm_Singh
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