फ़ुर्सत ही नहीं है तेरे तसव्वुर से, कि हम कुछ कर जाये,
कहीं ऐसा न हो, ख़बर ही ना हो तुम्हें और हम मर जाये !
Fursat hee nahin hai tere tasvvur se, ki hum kuch kar jaye,
Kahin aisa na ho, khabar hee naa ho tumhen our hum mar jaye !
- फ़ुर्सत - मोहलत, मौका, समय
- तसव्वुर - सोचना, कल्पना करना, ख्याल करना, चित को ध्यान करके किसी को प्रत्यक्ष करना, समाधी दर्शन
- ख़बर - किसी घटना का विवरण या वृतांत, हाल, समाचार, जानकारी, सूचना, ख़ोज
- Article By. Dharm_Singh
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