ख़ुशियों की क्या बिसात है, जब ग़म हमारे साथ है,
दिन-ब-दिन इज़ाफ़ा हो रहा, ये भी क्या कोई कम बात है !
khushiyon ki kya bisat hai jab gum humare sath hain,
Din-b-din izafa ho rahaa yeh bhi kya koi kam baat hai !
- ग़म - दुःख, दर्द, रंज, शोक, क्षोभ, मातम, चिंता, मुसीबत, पीड़ा, कष्ट, परेशानी
- बिसात - औक़ात, साहस, हिम्मत, सामर्थ्य, हैसियत
- इज़ाफ़ा - वृद्धि, बढ़त, बढ़ोतरी
- Article By. Dharm_Singh
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