ज़िन्दगी की किस डगर मैं चल पड़ा, कि कहीं राहत ही नहीं मिलती,
चाहतों की दुनियाँ है, और किसी को मुकम्मल चाहत ही नहीं मिलती !
Zindagi ki kis dagar main chal padaa, ki kahin rahat hi nahin milti,
Chahaton ki duniyan hai, or kisi ko mukmmal chahat hi nahin milti !
- डगर - मार्ग, राह, रास्ता, पथ
- राहत - सुख, चैन, आराम, शांति, अमन, सुकून
- चाहत - चाह, इच्छा, अभिलाषा, आकांक्षा, प्रेम, किसी को पाने की इच्छा
- मुकम्मल - सम्पूर्ण, पूरा, सारा, समाप्त, ख़त्म
- Article By. Dharm_Singh
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