बे-दर्द ज़माने की अनोखी रीत देखी,
अपनो से ख़फ़ा ग़ैरों संग प्रीत देखी !
Be-dard zamane ki anokhi reet dekhi,
Apno se khafa gairon sang preet dekhi !
- बेदर्द - बेरहम, निर्दयी, निर्मम, कठोर, जिसमें दर्द न हों, दूसरों की पीड़ा या कष्ट का अनुभव न करने वाला,
- अनोखी रीत - नई रीत, नया रिवाज़, अनूठी रस्म, अनोखा, जो पहले न देखी न सुनी गई हो,
- खफ़ा - नाराज़, रुष्ट, अप्रसन्न, क्रुध्द, असंतुष्ट, नाख़ुश, रूठा हुआ,
- ग़ैर - बेगाना, पराया, अपरिचित, अपने कुटुम्ब या समाज से बहार का
- प्रीत - प्यार, स्नेह, दया, अनुकम्पा, लगाव
- Article By. Dharm_Singh
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