राह-ए-ज़िन्दगी कुछ तो गुनाह हुआ है हमसे, यूँही किस्मत और ख़ुदा ख़फ़ा नहीं हुआ करते ! Raah-e-zindagi kuch toh gunah huaa hai…
Read more »कमबख़्त धोखा भी मिला तो हमको वहाँ से..., जहाँ हमने अपने ऐतबार की तमाम हदें भुला दी ! Kambakht dhokha bhee mila toh humko…
Read more »ऐ मेरे "मालिक" मेरी इबादत में ऐसी क्या कमी रह गई, जो तुझसे बेख़बर मेरा दर्द और आँखों की नमी रह गई ! Aye mere &…
Read more »राह-ए-ज़िन्दगी हर मोड़ पर हम, कुछ ना कुछ खोकर निकले, हम करते भी यो भला क्या, जब अपनी ही किस्मत के सारे पत्ते जोकर निकले !…
Read more »मेरी वफ़ा की उस बेवफ़ा ने ऐसी कीमत चुकाई है, कि इक अरसे से हमें हिचकी तक नहीं आई है...!! Meri wafa ki us bewafa ne aisi k…
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